स्थानीय लोगों की भागीदारी से सुनिश्चित होगा वन संसाधन प्रबंधन

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ऍफ़ एन  बी ,शिमला-प्रदेश में हरित आवरण को बढ़ाने के दृष्टिगत राज्य सरकार ने बेहतर वन प्रबंधन और संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। राज्य सरकार ने वन मंडल स्तर पर स्थानीय समुदायों की भागीदारी सुनिश्चित करने के उद्देश्य से वन मित्र योजना को स्वीकृति प्रदान की है। इस पहल का उद्देश्य 2061 वन मंडलों में वन संसाधनों के संरक्षण में स्थानीय लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करना है।



वन मित्रों को वनों की आग से सुरक्षा, पौध रोपण, रेसिंन टैपिंग (राल दोहन) और बचाव कार्यों जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंपी जाएंगी। इस पहल के माध्यम से वन संसाधनों के स्थाई प्रबंधनों के साथ-साथ युवाओं को स्थानीय रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाए जाएंगे।मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि वन संसाधनों के प्रबंधन और संरक्षण में स्थानीय समुदाय महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ग्रामीण स्तर पर लोगों द्वारा इन संसाधनों का सदुपयोग किया जाता है, इसलिए इन समुदायों की वन संसाधनों तथा पारिस्थितिकी तंत्र की सुरक्षा में जिम्मेदारी और अधिक बढ़ जाती है।


इस योजना के माध्यम से लोगों को वर्षभर वन विभाग द्वारा संचालित सभी वानिकी कार्यों मंें भी अभिन्न रूप से शामिल किया जाएगा ताकि वन संरक्षण की दिशा में बेहतर परिणाम सामने आए।मुख्यमंत्री ने कहा कि पहाड़ी क्षेत्रों में वन, पहाड़ी ढलानों का संरक्षण, मृदा अपरदन को रोकना महत्त्वपूर्ण है। यह नवोन्मेष पहल वन विभाग और स्थानीय समुदाय के मध्य भागीदारी को रेखांकित करती है। राज्य सरकार स्थानीय समुदायों के सहयोग से प्राकृतिक संसाधनों को संरक्षित करने और आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ वातावरण प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह योजना स्थानीय समुदायों की भागीदारी से पर्यावरण एवं वन संरक्षण के बारे में जन जागरूकता पैदा करने में मील पत्थर साबित होगी।

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