कांग्रेस के दो चेहरे झूठ और सच, फर्क साफ

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ऍफ़ एन  बी,शिमला: हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने हिमाचल प्रदेश पंचायती राज विभाग के कर्मचारियों को नौकरी से बर्खास्त कर के एक बहुत बड़ा अन्याय पूर्ण कदम उठाया है। इस विषय को लेकर 2022 में चुनाव में घर घर जाकर, सड़कों पर अनेकों-अनेंकोे रैलियां की। 



उन्होनेे कहा कि वर्तमान में मुख्यमंत्री तथा उनके मंत्रीगणों ने इन कर्मचारियों को पंचायती राज विभाग में मर्ज करने की घोषणाएं की, ना केवल घोषणाएं की अपितु चुनावों के दौरान गारंटियां भी की कि पहली कैबिनेट के अंदर हम इन 4700 कर्मचारियों को विभाग में मर्ज कर देंगे।

जब विभाग के कर्मचारी लगातार कांग्रेस की सरकार बनने के बाद इनसे संपर्क साधते रहे ,परन्तु सरकार ने जवाब तक नही दिया। आज मुख्यमंत्री की चुनावी विडयो भी इस विषय को लेकर काफी वायरल हो रही है। लंबे समय से लगातार 4700 कर्मचारी हड़ताल पर बेठें रहें और धरना प्रदर्शन करते रहें। सरकार के मुख्यमंत्री और मंत्रियों के बार -बार आश्वासन देने के बाद कुछ नहीं हुआ। स्थितियां यहाँ तक पहुंचे गई कि पंचायत के सेक्रेटरी के जगह पर चैकीदारों को चार्ज दे दिया गया। इससे ज्यादा दयनीय स्थित हिमाचल प्रदेश सरकार की नहीं हो सकती।बिदल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश मेें एक काला अध्याय लिखा जा रहा है। 167 जूनियर इंजीनियर्स को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है।

 

वो कांग्रेसी नेता जिन्होनेेें घोषना कि तथा गारटियां दी कि हम सत्ता में आएँगे तो 1 लाख नौकरियां पहली कैबिनेट के अंदर देंगें। ये बात वर्तमान मुख्यमंत्री, वर्तमान उपमुख्यमंत्री, कांग्रेस के राष्ट्रीय नेताओं तथा इनके प्रभारियों ने कही। उन्होने कहा था की हमारे पास 67 हज़ार पद खाली हैं, 33 हज़ार पद हम और सृजित करेंगे और 1 लाख बेरोजगारों को पहली कैबिनेट में 1 लाख नौकरियां देंगे। आज इनकी झूठी गांरटियां पूरी तरह से एक्सपोज होती जा रही है।

उन्होनें कहा कि कांग्रेस सरकार नौकरियां तो क्या देगी इन्होने आउटसोर्स पे काम करने वाले हजारों कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया। वो कर्मचारी जो पूरे कोविड काल के अंदर सेवाएं देते रहे। ऐसे 1844 कर्मचारियों को इन कांग्रेस नेताओं ने नौकरी से बाहर का रास्ता दिखा दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने हिमाचल प्रदेश के बेरोजगारों के साथ बहुत बड़ा अन्याय किया हैं। नौकरी देने वाली कांग्रेस सरकार आज नौकरी छिनने वाली सरकार बन गई है। पूरे प्रदेश में 10 हजार से अधिक आउटसोर्स कर्मचारियों को यह सरकार नौकरी से निकाल चुकी है।शिमला आइजीएमसी, मंडी आएपीएच, कांगड़ा पीडब्लूडी, हमीरपूर में आउटसोर्स के हजारों कर्मचारियों को बाहर का रास्ता निकाल यह सरकार कर्मचारी विरोधी सरकार बन कर रह गई।

 

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