ऍफ़ एन बी ,शिमला-मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां प्रशासनिक सचिवों के साथ आयोजित ‘मंडे मीटिंग’ की अध्यक्षता की। बैठक में प्रदेश में कार्यान्वित की जा रही विभिन्न विकासात्मक योजनाओं और कार्यक्रमों की प्रगति की समीक्षा की गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 30 अक्तूबर, 2023 को पूरे प्रदेश में मुटेशन (इंतकाल) अदालत आयोजित की जाएगी। इसके तहत सभी तहसील व उप-तहसील तथा बंदोबस्त सर्कल स्तर पर केवल लम्बित मुटेशन सत्यापन के मामलों पर निपटरा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान में प्रदेश में 22000 से अधिक ऐसे मामले लम्बित पड़े हैं। मुटेशन अदालत से आम आदमी को सुविधा के साथ ही उन्हें मूटेशन के लिए बार-बार सरकारी कार्यालयों में जाने से भी राहत मिलेगी। उन्होंने कहा कि मुटेशन की प्रक्रिया समयबद्ध पूरी न होने के कारण लोगों को अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ता है और इससे विकास कार्यों की प्रगति भी प्रभावित होती है।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार
लोगों को पारदर्शी एवं संवेदनशील प्रशासन प्रदान करने के लिए वचनबद्ध है। व्यवस्था
परिवर्तन के ध्येय के साथ सरकार हर क्षेत्र में सार्थक और सकारात्मक कदम उठा रही
है। उन्होंने अधिकारियों को मुटेशन अदालत के सफल आयोजन के लिए सभी तैयारियां
समयबद्ध पूर्ण करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी शैक्षणिक सत्र से
औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में नये पाठ्यक्रम आरम्भ किये जाएंगे। यह पाठ्यक्रम
रोजगारपरक और नवीन प्रौद्योगिकी पर आधारित होंगे। इनमें कृत्रिम मेधा का समावेश भी
किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार शैक्षणिक पाठ्यक्रमों को गुणात्मक एवं
व्यवहार्य बनाने के लिए निरन्तर प्रयास कर रही है। इससे युवाओं में वैश्विक स्तर
पर प्रतिस्पर्धा की क्षमता बढ़ेगी, साथ ही रोजगार
और स्वरोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
उन्होंने अधिकारियों को हिमाचल मुजारियत एवं
भू-सुधार अधिनियम, 1972 की धारा 118 से संबंधित
आवेदन की सारी प्रक्रिया ऑनलाइन माध्यम से ही पूर्ण करने के निर्देश दिए। इससे
कार्य समयबद्ध होंगे और इनमें दक्षता भी सुनिश्चित होगी। उन्होंने कहा कि हिमाचल
पथ परिवहन निगम के 1500 बसों के बेड़े को चरणबद्ध तरीके से विद्युत चालित वाहनों से बदला
जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को इस सम्बन्ध में आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में यू.वी. फिल्टरेशन यूनिट
स्थापित करने के लिए स्थल चयनित करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश
में जल उपचार के लिए ब्लीचिंग पाउडर का इस्तेमाल चरणबद्ध तरीके से बंद कर दिया
जाएगा।
बैठक में मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, प्रधान सचिव राजस्व ओंकार चंद शर्मा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा, प्रधान सचिव वित्त मनीष गर्ग, विभिन्न विभागों के सचिव और मुख्यमंत्री के ओएसडी
गोपाल शर्मा भी उपस्थित थे।