एफेन्न्बी नेटवर्क शिमला -- मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने विश्व फार्मासिस्ट दिवस के अवसर पर सोलन जिले के कसौली से राज्य फार्मेसी परिषद के सदस्यों को वर्चुअल माध्यम से संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान फार्मासिस्टों ने बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और डॉक्टरों के बाद मरीज फार्मासिस्टों पर ही सबसे ज्यादा भरोसा करते हैं।
जय राम ठाकुर ने कहा कि फार्मासिस्टों को पूरी सावधानी के साथ मरीजों की सेवा करनी चाहिए, ताकि किसी भी व्यक्ति के स्वास्थ्य पर किसी भी दवा का गलत प्रभाव न पड़ सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि फार्मासिस्ट का काम केवल मरीजों को दवा देना ही नहीं है, बल्कि जल्द स्वास्थ्य लाभ के लिए मरीजों को सही सलाह देना तथा उन्हंे जागरुक करना भी फार्मासिस्ट का कर्तव्य है। सभी फार्मासिस्टों को इस दिशा में कार्य करना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश के लिए बल्क ड्रग पार्क स्वीकृत किया है जो राज्य की अर्थव्यवस्था और यहां के युवाओं के लिए एक वरदान साबित होगा। उन्होंने कहा कि बल्क ड्रग पार्क की स्थापना से कच्चे माल के लिए चीन पर भारत की निर्भरता खत्म हो जाएगी और इस क्षेत्र में चीन का एकाधिकार लगभग समाप्त हो जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे फार्मा कंपनियों को हजारों करोड़ रुपये की बचत होगी, क्योंकि उन्हें हिमाचल में कच्चा माल मिलेगा और दवाओं का निर्माण भी सस्ता होगा। इससे दवाओं की कीमतें भी कम होंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शनिवार को मंडी में आयोजित युवा विजय संकल्प रैली को वर्चुअल माध्यम से संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फार्मेसी क्षेत्र में हिमाचल की क्षमता की प्रशंसा की है और प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बल्क ड्रग पार्क से विश्व फार्मेसी के हब के रूप में हिमाचल अपनी एक अलग पहचान स्थापित करेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य का बद्दी क्षेत्र एशिया का सबसे बड़ा फार्मा हब बनकर उभरा है और कोरोना महामारी के दौरान बद्दी क्षेत्र में निर्मित दवाओं की आपूर्ति विश्व भर के देशों में की गई। उन्होंने कहा कि नालागढ़ में 349 करोड़ रुपये की लागत से मेडिकल डिवाइस पार्क स्थापित किया जा रहा है और इसके लिए करोड़ों रुपये के एमओयू पर भी हस्ताक्षर किए गए हैं। उन्होंने कहा कि इससे करीब 10 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने राज्य फार्मेसी परिषद के पोर्टल का भी शुभारंभ किया।
इस मौके पर स्वास्थ्य एवं आयुर्वेद मंत्री डॉ. राजीव सैजल ने कहा कि विश्वभर में फार्मासिस्टों के सम्मान में 25 सितंबर को विश्व फार्मासिस्ट दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि विश्व फार्मासिस्ट दिवस की शुरुआत 2009 में इस्तांबुल में इंटरनेशनल फार्मास्युटिकल फेडरेशन द्वारा दुनिया के हर कोने में स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में फार्मासिस्टों की भूमिका को प्रोत्साहित करने के लिए की गई थी।
इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश राज्य फार्मेसी परिषद के अध्यक्ष गोपाल किशन शर्मा ने मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया।
कार्यक्रम में विशेष सचिव राजेश्वर गोयल, हिमाचल के फार्मेसी काउंसिल के प्रतिनिधि संजीव पंडित, कमलेश नायक और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।