
बैंक के एमडी सुनील मेहता ने कहा- "नीरव मोदी पैसा वापस करना चाहते थे लेकिन प्लान पुख्ता नहीं था।" उन्होंने कहा- हम 133 साल पुराने संगठन हैं। इस दौरान कई उतार-चढ़ाव देखे। हम दूसरे सबसे बड़े नेशनलाइज्ड बैंक हैं। हम मीडिया से सहयोग चाहते हैं। हम गलत काम करने वाले लोगों के खिलाफ एक्शन लेंगे। 2008 में ये मामला शुरू हुआ था। हमने ही इसे डिटेक्ट कर जांच एजेंसियों को बताया था।
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